अमेरिका में नौकरी जाने के मामले में लास वेगास हॉटस्पॉट बना, 2008 की मंदी के मुकाबले बेरोजगारी दर दोगुनी होकर 25%
(सबरिना टेवरनीस)अमेरिका कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से एक है। यहां मरीजों की संख्या 10 लाख पार गई है। साथ ही अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। यूएस में जिस तरह न्यूयॉर्क कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बना हुआ है, उसी तरह लास वेगास शहर नौकरियां जाने के मामले में हाटस्पॉट है।
लास वेगास स्थित इकोनॉमक रिसर्च फर्म एप्लाइड एनालिसिस के मुताबिक, शहर मे वर्तमान बेरोजगारी दर 25 फीसदी से ज्यादा है। यह 2008 की मंदी के मुकाबले लगभग दोगुनी है। संकट शुरू होने के बाद सिर्फ नेवादा स्टेट में 3.50 लाख लोगों ने नौकरी जाने के बाद बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया है। यह नेवादा स्टेट में अब तक की सबसे बड़ी संख्या है।
लास वेगास की एक तिमाही अर्थव्यवस्था हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़ी
व्हाइट हाउस के सलाहकार केविन हसेट के मुताबिक, कोरोनाके चलते अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़कर 16 फीसदी तक पहुंच सकती है। अगर राष्ट्रीय औसत से भी देखा जाए तो लास वेगास में नौकरी जाने का अनुपात 9 फीसदी अधिक है। इसकी मुख्य वजह है शहर की अर्थव्यवस्था। लास वेगास अमेरिका में एक ऐसे शहर के रुप मे जाना जाता है, जहां लोग मौजमस्ती करने और छुट्टियां बिताने जाते हैं। यहां जुआघर से लेकर पब, रेस्त्रां, होटल्स की भरमार है। लास वेगास शहर की एक तिमाही अर्थव्यवस्था मौजमस्ती और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़ी है। यह देश के किसी भी दूसरे शहर से ज्यादा है।
कोरोना के बाद मौजमस्ती में डूबा रहने वाला शहर अब सुनसान
नेवादा स्टेट जहां लास वेगास स्थित है, देश में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक था। महामारी के बाद पूरी रात मौजमस्ती और चकाचौंध में डूबा रहने वाला शहर अब सुनसान पड़ाहै। हजारों वेटर, बारटेंडर, होटल क्लीनर और कैसिनों वर्कर बेकार हो गए हैं। मेयर करोलिन पर शहर को फिर से खोलने का भारी दबाव है क्योंकि इसकी पूरी अर्थव्यवस्था टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी पर निर्भर है। हालांकि गवर्नर स्टीव सिसोलक ने कहा है कि अभी हम शहर खोलने की स्थिति में नहीं है।
अमेरिका में बेरोजगारी 16% तक पहुंच सकती है: व्हाइट हाउस सलाहकार
व्हाइट हाउस के सलाहकार केविन हसेट के मुताबिक, कोरोना संकटके चलते अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़कर 16 फीसदी तक पहुंच सकती है। केविन ने कहा कि यह हमारी इकोनॉमी के लिए बहुत बड़ा झटका है। 1930 की महामंदी के बाद से यह हमारे लिए सबसे मुश्किल दौर है। अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट के मुताबिक, अब तक 3 करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगारी भत्तों के लिए अपना आवेदन दे चुके हैं। महामारी के पहले अमेरिका में बेरोजगारी दर 50 साल के नीचले स्तर 3.5 फीसदी पर थी। लेकिन महामारी के बाद ऐसे हालात बन गए हैं कि बेरोजगारी बड़ी समस्या बन गई है।
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