बीसीसीआई और सिलेक्टर्स का संदेश भ्रमित करने वाला

बीसीसीआई को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चुनी गई टीम के बारे में आप कम्यूनिकेशन को स्पष्ट और साफ करने की जरूरत है। रोहित और इशांत के बारे में सिर्फ एक लाइन में जानकारी दी गई। रोहित जैसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी के बारे में जानकारी और भी स्पष्ट होनी चाहिए थी।

चीफ सिलेक्टर सुनील जोशी इस संबंध में ऑडियो या वीडियो के माध्यम से जानकारी दे सकते थे, जिससे किसी तरह की अटकलें ना लगाई जा सकें। आप जितनी अधिक जानकारी देंगे, भ्रम और अटकलें भी उतनी ही कम होंगी। रहस्यमय रिलीज में बहुत सी चीजों को छुपा लिया गया और बहुत सारी बातें कही गईं। रोहित को हैमस्ट्रिंग जबकि इशांत को पसली की चोट के कारण बाहर किया गया। अगर फिटनेस को आधार बनाया गया है तो मयंक अग्रवाल और नवदीप सैनी भी चोटिल हैं। उनकी फिटनेस को भी देखना होगा।

एक बार फिर इसमें कहीं भी स्पष्टता नहीं दिखती है। पंत को 17 दिसंबर से होने वाली टेस्ट सीरीज के लिए टीम में रखा गया है, लेकिन वे वनडे और टी20 टीम से बाहर हैं। अटकलें हैं कि पंत को फिटनेस हासिल करने के लिए बाहर किया गया है। लेकिन वे सिर्फ 45 दिन में कितने फिट हो पाएंगे। यदि वे तब भी अनफिट रहते हैं तो उन्हें क्या फिर से बाहर कर दिया जाएगा। बोर्ड ने जानकारी दी है कि रोहित और इशांत की फिटनेस पर नजर रखी जा रही है। मुंबई की ओर एक वीडियो पोस्ट किया गया है जिसमें रोहित प्रैक्टिस कर रहे हैं।

इसका मतलब मेडिकल टीम द्वारा उनकी निगरानी की जा रही है। ऐसे में यदि रोहित फिट हो जाते हैं तो क्या राहुल को लिमिटेड ओवर सीरीज की उप-कप्तानी से हटना पड़ेगा। कम से कम बड़े खिलाड़ियों को लेकर एक तरह की बात की जानी चाहिए थी। सूर्यकुमार यादव लंबे समय से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन किसी को नहीं पता है कि उनका नंबर कब आएगा। वरुण चक्रवर्ती को इस सीजन में अच्छे प्रदर्शन के आधार पर टी20 टीम में चुना गया है। राहुल चाहर ने भी उन्हीं की तरह प्रभावशाली प्रदर्शन किया, लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया।

खिलाड़ियों को चुनने के लिए सिलेक्टर्स को समानता दिखानी चाहिए। बुमराह और मोहम्मद शमी को लिमिटेड ओवर क्रिकेट से ब्रेक दिया जाना चाहिए था। आखिरकार वे टीम इंडिया के बेस्ट तेज गेंदबाजों में से एक हैं। नए साल के लिए बुमराह और शमी को तरोताजा रखना जरूरी था, लेकिन इस पर विचार नहीं किया गया। हालांकि कई खिलाड़ियों को भूला दिया गया।

भुवनेश्वर कुमार को याद करिए, लगता है कि उन्हें हर कोई भूल गया। उनके बारे में कहीं भी जानकारी नहीं दी गई। हम सभी को पता है कि वे चोटिल हैं। उनके बारे में कम से कम बात तो की जानी चाहिए थी। पूछने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन अटकलें लगाना जारी रखें। इसी का नाम खेल है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
चंद्रेश नारायणन।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3jzZA07
via IFTTT

Comments

Popular posts from this blog